Sunday, February 28, 2010

IBTIDA

दोस्तों,
आज होली के मौके पर ब्लॉग की दुनिया में हम बड़े अरमान से यह पहला क़दम रख रहे हैं। समय के साथ सब कुछ कितना बदल गया है। सात समंदरों में बिखरी दुनिया आज उँगलियों में सिमट आई है। अब हमज़ुबाँ, हमसुखन, हमनवा और हमखयाल तबीयत वालों तक पहुँचना कितना आसान हो गया है। यह ब्लॉग इसी किस्म के जाने-अनजाने दोस्तों को एक मंच देने के लिए शुरू किया जा रहा है। यूँ यह ब्लॉग पूरी तरह शायरी को समर्पित रहेगा, लेकिन अदब की उस हर विधा की भी इसमें पज़ीराई (आवभगत) की जाएगी, जो इंसान को इंसान से जोड़ती हो, जिसका लहजा अलहदा हो और जिसमें अहसास दिल की तरह धड़कते हों।
आप अपनी रचनाएँ हमें भेज सकते हैं। साथ में अपना तार्रुफ़ और तस्वीर भी ज़रूर भेजें. यानी 'चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले।'
यह गुलशन आपके इंतज़ार में है।

हमारा पता है
tha_dinesh@yahoo.co.in


आमीन,

आपका
दिनेश ठाकुर
२८ फरवरी, २०१०

11 comments:

  1. Dekh kar Holi ke ausar par sukhanvar ka blog
    KyoN na ho fart e kgushi se qalb mera bagh bagh

    Hai numaayaaN aap ki ghazloN se soz o saaz e dil
    De raheeN haiN aap ke soz e durooN ka yeh suragh
    Mukhlis
    Ahmad Ali Barqi Azmi
    New Delhi-110025
    http://aabarqi.blogspot.com
    http://aabarqi.webs.com
    http://www.drbarqiazmi.com

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  2. यूँ यह ब्लॉग पूरी तरह शायरी को समर्पित रहेगा, लेकिन अदब की उस हर विधा की भी इसमें पज़ीराई (आवभगत) की जाएगी, जो इंसान को इंसान से जोड़ती हो,

    is par jaraa dhyaan se gaur kijiyegaa...

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  3. आमीन,

    आपका
    दिनेश ठाकुर
    २८ फरवरी, २००९

    2010 hai saaheb..

    :)

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  4. दिनेश भाई आप तो सक्रिय पत्रकारिता से हैं और ग़ज़ल भी अच्‍छी कहते हैं। आप भले ही ब्‍लॉग की पहली पोस्‍ट को कच्‍ची रोटी कह लें उसकी सोंधी-सोंधी महक, बस देखते जाईये कहॉं-कहॉं पहुँचती है।

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  5. ख़ुशामदीद!

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  6. स्वागत है आपका दिनेशजी चिट्ठा जगत में. कल या परसों ही आपको सतपाल भाटियाजी के ब्लॉग "आज की ग़ज़ल" पर देखा था. देखते ही भाटियाजी को मेल भेजा मुझे दिनेशजी के बारे में और जानना है. आज आप प्रकट हो गए. वाह ! उस घड़ी कुछ और भी मांग लेता तो मज़ा आ जाता.
    अब ज़रा किसी beautician को ढूंढ कर अपने ब्लॉग का facial आदि करवाइए.

    इब्तिदा-ए-ब्लॉग तो अच्छा लगा
    आगे आगे देखिये होता है क्या

    होली की शुभेच्छाओं के साथ साथ आपके ब्लॉग की सफलता के लिए भी हार्दिक शुभ कामनाएं.

    जोगेश्वर गर्ग

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  7. ये कच्ची पक्की रोटी की सौंधी खुशबू हमें यहाँ तक खींच लायी है...अब आ गए हैं तो आसानी से जाने वाले नहीं...परोसते रहिये...एक एक कर के...
    नीरज

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  8. shri dinesh ji, aapki ye koshish zaroor hi kaamyaab hogi.
    bahot si shubhkaamnaaon ke sath.
    Musafir
    vilas pandit

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  9. aapki gazlon ne hamare dil ko choo liya. aapki lekhni uu hi chalti rahe

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  10. khushi kahte hain kisko a mere humdum samajh lete
    agar hum doosre k gum ko apna gum samajh lete
    mere ghar mei koi khilonaa b nahi varna
    talashi lene wale to ussi ko bum samajh lete

    HAMARI ROOH MEI YE CHANDNI KHILI KAISE
    HUMEI TO WAQT KI TARIQITON NE PALA HAI

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  11. PRIY DINESH G. BLOG PE AAPKO DEKHA TO PURANI SMRITIYAN TAZA HO GAI.AAP OR AAPKI GAZAL BILKUL BADAL GAI HAI.JALD HI AAOKO DEKHNE N SUNNE KI TAMANNA HAI G NIGHT. AAPKA KISHAN

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